जमीन खरीदने में मानकों के उल्लंघन के बाद 100 बीघा जमीन सरकार के नाम दर्ज, प्रशासन ने जारी किये नोटिस

सवांददाता, देहरादून: देहरादून में प्रशासन ने जमीन खरीद-फरोख्त करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की है। जमीन खरीद-फरोख्त में मानकों का उल्लंघन पाए जाने के बाद तहसील सदर देहरादून क्षेत्र में जिला प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए 46 मामलों में उंल्लघनकर्ताओं के खिलाफ नोटिस जारी किये है।

राजधानी देहरादून में बिना अनुमति खरीदी गई 250 वर्गमीटर से अधिक की भूमि और निर्धारित प्रयोजन के लिए खरीदी गई भूमि में मानकों के उल्लंघन पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। देहरादून तहसील सदर क्षेत्र में ऐसी करीब 100 बीघा भूमि से संबंधित व्यक्तियों का नाम काटकर सरकार का नाम दर्ज कर दिया गया है। ऐसे में 46 प्रकरणों में 60 व्यक्तियों को उपजिलाधिकारी न्यायिक कुमकुम जोशी ने नोटिस जारी कर 17 मार्च को उंल्लघन करने वालो को पक्ष रखने का अवसर भी दिया है।

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इस जगह का है प्रकरण:

तहसील सदर में जिस 100 बीघा भूमि को सरकार के नाम पर चढ़ाया गया है, उसमें अधिकतर खरीद दिल्ली, हरियाणा, नोएडा और उत्तर प्रदेश पश्चिम के व्यक्तियों ने की है। मानकों के विपरीत खरीदी गई भूमि पर बड़ी संख्या में रिसॉर्ट, क्लब, पब आदि के नाम अय्याशी के अड्डे चलाए जा रहे हैं। कई जगह खरीदी गई भूमि के आसपास सरकारी और वन भूमि को भी कब्जे में लिया गया है। इसके साथ ही थानो रोड पर बड़ासी ग्रांट की भूमि की जांच में भी अनियमितता पाई गई गयी है।सरकार के निर्देश पर अन्य जिलों के साथ देहरादून में भी कराई गई जांच में जिला प्रशासन ने 281 प्रकरण ऐसे पकड़े, जिनमें भूमि खरीद के नियमों का उल्लंघन पाया गया। क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो इस तरह की भूमि जिले में 750 बीघा से अधिक पाई गई। जिसके बाद जिलाधिकारी सविन बंसल ने आदेश जारी कर सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि फरवरी माह में सभी प्रकरणों का निस्तारण कर लिया जाए। करीब 300 बीघा भूमि को प्रशासन फरवरी माह के आरंभ में सरकार में निहित कर चुका था। अब तहसील सदर के क्षेत्र में भी 100 बीघा भूमि से संबंधित व्यक्तियों का नाम काटकर राजस्व अभिलेखों में सरकार का नाम दर्ज कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद उपजिलाधिकारी सदर (न्यायिक) कुमकुम जोशी ने कुल 46 नोटिस जारी किए हैं, जिनमे 60 व्यक्ति पक्षकार हैं। सभी को इस कार्रवाई के सापेक्ष अपना पक्ष रखने के लिए 17 मार्च 2025 की तिथि दी गई है। तय समय तक पक्ष न रखने की स्थिति में भूमि को तत्काल अंतिम रूप से सरकार में निहित कर दिया जाएगा।

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